Love kavita In Hindi लव कविता
love poem in hindi for wife

उस दिन शाम को कॉफ़ी पीते-पीते,
तुम वही घिसा-पीटा डायलॉग बोल कर चले गये,कि हर किसी को नही मिलता यहाँ प्यार जिंदगी में..और कितनी आसानी से कह दिया कि हमे अलग हो जाना चाहिए…पर आज मैंने तुम्हे रोका नही,ना ही मनाने की कोशिश ही की,क्यों की तुम हमारे प्यार के रिश्ते को किस्मत पर छोड़ गये
थे,अपनी कमजोरियों को मजबूरियों का नाम देकर तुमने हर रिश्ते से पीछा छुड़ा लिया…मैं सोचता रहा ये सब तुम सिर्फ कहते हो,पर कही ना कही तुम भी मुझे नही छोड़ पाओगे,पर मैं गलत था,तुम्हारे लिये हमारा रिश्ता तो इन चंद लाइनों में ही रहा…सच ही कहा तुमने…हर किसी को नही मिलता यहाँ प्यार जिंदगी में….!!
तुम्हे अपने पास संजो कर रख रहा हूँ

वो चाँद की रात,वो तुम्हारी बाते…
तुम कुछ भी कहते मैं लिख रहा था,
तुम को शब्दों में बांध रहा था..
और तुम नाराज भी होते कि,
क्यों लिख रहा हूँ मैं…
मैं हर बार कहता कि,
तुम्हे अपने पास संजो कर रख रहा हूँ…
और हसँ कर कह देते कि,
तुम बिलकुल पगलु हो….
और मैं भी मान लेता की,
हाँ मैं पागल ही सही…
जब तुम बाते करते थे ना,
तुम्हे सुनने चाँद की चांदनी भी,
नंगे पाँव जमी उतर आती थी..
मुझे बिलकुल भी अच्छा नही लगता कि,
तुम्हे कोई भी सुने..
तो मैं तुम्हारी बातो को,
हमेशा के लिए अपने शब्दों में…
बाँध लेता था…
आज भी वो चाँद की रात है,
वही चांदनी है…
वही तुम्हारी बाते तो है,
मैं आज भी पागल सा हूँ वैसे ही…
पर तुम नही हो…!!!